Friday, March 11, 2016

श्याम वनमाली गिरिधारी

श्याम वनमाली गिरिधारी

श्याम वनमाली गिरिधारी

मृगमदतिलक विराजत भाली
कृष्ण कुरळ अलक मृद गाली
शारद पूनावा कालिंदी तटी
रास रंगला कदंब तळमटी
गोप गोपिका कर कर गुंफिती
भ्रमती धुंद लय ताली

श्याम वनमाली गिरिधारी
कृश कटी वरती
झुलती किंकिणी
किरण झळकती
रत्न कंकणी
रुणुझुणु  नाद पैजनी  
यमुना गान मय झाली

श्याम वनमाली गिरिधारी
हसीत  बिलसते
हरी वदनावर
अधरी  मुरली
मधुर मधुर
स्वर
रास रंगला रमले स्थिर चर
झुकले नील नभ खाली
श्याम वनमाली गिरिधारी


~ ओंजळीतून मनाच्या 


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