Monday, May 22, 2017

क़हर है मौत है क़ज़ा है इश्क़

क़हर है मौत है क़ज़ा है इश्क़
सच तो यूँ है बुरी बला है इश्क़
असर-ए-ग़म ज़रा बता देना
वो बहुत पूछते हैं क्या है इश्क़
आफ़त-ए-जाँ है कोई पर्दा-नशीं
कि मिरे दिल में आ छुपा है इश्क़
बुल-हवस और लाफ़-ए-जाँ-बाज़ी
खेल कैसा समझ लिया है इश्क़
वस्ल में एहतिमाल-ए-शादी-ए-मर्ग
चारागर दर्द-ए-बे-दवा है इश्क़
सूझे क्यूँकर फ़रेब-ए-दिलदारी
दुश्मन-आश्ना-नुमा है इश्क़
किस मलाहत-सिरिश्त को चाहा
तल्ख़-कामी पे बा-मज़ा है इश्क़
हम को तरजीह तुम पे है यानी
दिलरुबा हुस्न ओ जाँ-रुबा है इश्क़
देख हालत मिरी कहें काफ़िर
नाम दोज़ख़ का क्यूँ धरा है इश्क़
देखिए किस जगह डुबो देगा
मेरी कश्ती का नाख़ुदा है इश्क़
अब तो दिल इश्क़ का मज़ा चक्खा
हम न कहते थे क्यूँ बुरा है इश्क़
आप मुझ से निबाहेंगे सच है
बा-वफ़ा हुस्न ओ बेवफ़ा है इश्क़
मैं वो मजनून-ए-वहशत-आरा हूँ
नाम से मेरे भागता है इश्क़
क़ैस ओ फ़रहाद ओ वामिक़ ओ 'मोमिन'
मर गए सब ही क्या वबा है इश्क़

~ मोमिन ख़ाँ मोमिन

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